क्या हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है? चाय

आज भारत में चाय 80 प्रतिशत से अधिक घरों में पी जाती है। यह ऐसा मीठा, रोचक मन को अच्छा लगने वाला, तलब लगने वाला जहर है, जिससे बड़े से बड़े समझदार चिकित्सक, वकील, इन्जीनियर, लेखाकार, कवि, लेखक, कोई विद्वान अपने आप को इतना काबू रखने वाला नहीं हैजो इसकी गिरफ्त में न आया हो। शहर तो शहर इसका कहर गाँवों तक में पहुँच गया है। महात्मा गाँधी जी (राष्ट्रपिता) की राय यह थी कि चाय ने हमारे स्त्री-पुरुषों की क्षुधा उड़ा दी है।"


लोग कहते है कि अंग्रेज भारत से 1947 में चले गये परन्तु दो चीजें छोड़ गये चाय और अंग्रेजी भाषा जिसके गुलाम आज भी सभी भारतवासी है। अंग्रेजी भाषा से गरीब ग्रामवासी परेशान हैं, चाय से सभी परेशान हैं। यदि अवगुणों की दृष्टि से देखा जाए तो इतने अवगुण अन्य किसी पेय पदार्थ में नही मिलेगें, जितने चाय में पाए जाते हैं।



आज भारत में चाय 80 प्रतिशत से अधिक घरों मे पी जाती है। यह ऐसा मीठा, रोचक मन को अच्छा लगने वाला, तलब लगने वाला जहर है, जिससे बड़े से बड़े समझदार चिकित्सक, वकील, इन्जीनियर, लेखाकार, कवि, लेखक, कोई विद्वान अपने आप को इतना काबू रखने वाला नहीं है जो इसकी गिरफ्त में न आया होशहर तो शहर इसका कहर गाँवो तक में पहुँच गया है।


चाय के कुछ आभाषित लाभ :


1. यह स्वाभाव में गरम होती है। शीतकाल में गरम-गरम चाय पीने से ठंड भागती है ऐसा लगता है। अच्छी लगती है।


2. यह पसीना लाती है इससे कुछ क्षणों के लिए थकान जाती है। 3.


अधिक व्यस्तता में मन न लगने से मन की दिशा बदलने में चाय पीकर आदमी शुकून मानता है।


4. यह किसी का सस्ते में स्वागत करने का अच्छा साधन है।


5. रात्रि में अधिक देर तक जागना जरुरी हो तो चाय नींद को भगाती है। परन्तु दुष्परिणाम भी हैं।


6. खाने का इंतजाम न हो तो अथवा गरीबी में चाय पीने से यह भूख मारती है। परन्तु इसके दुष्परिणाम बहुत है।


7. यह बातचीत करते हुए समय बिताने के लिए मनोरंजन का एक साधन है।


चाय के अवगुण


चाय में जो अवगुण छुपे है वो बड़े ही खतरनाक है।


1. कैफीन (Caffein):- कैफीन पेट में तेजाब बनाती है यह विटामिनस् को कमजोर करती है, स्मरण शक्ति का ह्रास करती है। इससे श्रवण शक्ति कमजोर होती है, आँखो की दृष्टि में फर्क पड़ता है। यह गुर्दो की क्षमता को कम करती है। इसमें यूरिक एसिड अधिक होता है। यह स्नायु तन्त्र को भी कमजोर करती है। इसलिये सिरदर्द, अनिद्रा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, पीलिया, रक्त अल्पता, वातरोग आदि हो सकते है।


2. टैनिन (Tannin):- यह चाय में लगभग 16 प्रतिशत होता है। इसे विशेष रूप से चमड़ा रंगने में प्रयोग किया जाता है। यह पाचन तन्त्र को नुकसान पहुँचाता है। टैनिन जठराग्नि को कमजोर करता है, भूख को मारता है। इससे पेट में गैस एसिडिटी बढ़ती है। यह आंतो की क्षमता को कड़ा करके कमजोर करती है। इससे पेट तथा आंतो में घाव, अल्सर तथा कैन्सर तक हो सकता हैयह नींद को भगाती है, अनिद्रा को बढ़ावा देती है।


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